नई दिल्ली. देश में शादियों का सीजन (Wedding Season) जल्द शुरू होने वाला है. हो सकता है कि आपके आसपास भी कहीं शादियां देखने को मिल सकती हैं और ‘आज मेरे यार की शादी है’ की धून पर आप नाचते नजर आएंगे. एक अनुमान के मुताबिक, आगामी वेडिंग सीजन में देश भर में करीब 48 लाख शादियां होंगी. चूंकि भारत में शादियों पर लोग जमकर खर्च करते हैं. ऐसे में शादियों में न सिर्फ आप नाचेंगे बल्कि भारत की इकॉनमी (Economy) भी नाचने लगेगी यानी देश में इस साल के वेडिंग सीजन से इकॉनमी को भी बढ़ावा मिलेगा.
देश में 12 नवंबर से शादी का मौसम (Wedding Season) शुरू हो रहा है. शादी का लगन इस बार 16 दिसंबर 2024 तक चलेगा. ऐसे में देशभर के कारोबारी वर्ग ने आगामी शादी के सीजन के लिए तैयारी शुरू कर दी है. कारोबारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की हालिया स्टडी के मुताबिक, नवंबर-दिसंबर में 48 लाख शादियां होने की उम्मीद है. इसके जरिए 5.9 लाख करोड़ रुपये का बिजनेस होने की उम्मीद है. अकेले दिल्ली में ही इस सीजन में 4.5 लाख शादियों से 1.5 लाख करोड़ रुपये के बिजनेस का अनुमान है.
बीते साल हुआ था 4.25 लाख करोड़ रुपये का बिजनेस
पिछले साल 35 लाख शादियों के साथ कुल बिजनेस 4.25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा था. इस साल शुभ विवाह तारीखों की संख्या में बढ़ोतरी से बिजनेस में उछाल आने की संभावना है.
शादी के लिए शुभ हैं ये 18 तारीखें
इस साल शादी की तारीखें ज्यादा है. साल 2023 में 11 के मुकाबले, इस साल 18 शुभ तारीखों के कारण बिजनेस में और बढ़त होगी. कैट की वेद एवं आध्यात्मिक कमेटी के संयोजक आचार्य दुर्गेश तारे के मुताबिक, इस साल शादी का सीजन 12 नवंबर, देव उठनी एकादशी से शुरू होकर 16 दिसंबर तक चलेगा. नवंबर में शुभ तारीखें 12, 13, 17, 18, 22, 23, 25, 26, 28, और 29 हैं, जबकि दिसंबर में 4, 5, 9, 10, 11, 14, 15, और 16 हैं. इसके बाद वेडिंग सीजन जनवरी 2025 के मध्य से मार्च तक फिर शुरू होंगे.
शादी में कितना खर्च (अनुमानित)
कैट द्वारा 75 प्रमुख शहरों से मिले डेटा के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है. कोई शादी में करोड़ों रुपये खर्च करता है तो कोई शादिया महज 2-3 लाख रुपये में भी निपट जाता है
– 10 लाख शादियां, प्रति शादी 3 लाख रुपये खर्च
– 10 लाख शादियां, प्रति शादी 6 लाख रुपये खर्च
– 10 लाख शादियां, प्रति शादी 10 लाख रुपये खर्च
– 10 लाख शादियां, प्रति शादी 15 लाख रुपये खर्च
– 7 लाख शादियां, प्रति शादी 25 लाख रुपये खर्च
– 50,000 शादियां, प्रति शादी 50 लाख रुपये खर्च
– 50,000 शादियां, प्रति शादी 1 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा खर्च
खरीदारी पर होने वाले खर्च पर नजर
– वस्त्र, साड़ियां, लहंगे, और परिधान (10%)
– आभूषण (15%)
– इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली की डिवाइस और कंज्यूमर ड्यूरेबल (5%)
– सूखे मेवे, मिठाइयां और नमकीन (5%)
– किराने का सामान और सब्जियां (5%)
– उपहार वस्तुएं (4%)
– अन्य सामान (6%)
सर्विसेज पर होने वाला अनुमानित खर्च
– बैंक्वेट हॉल, होटल, और शादी के स्थल (5%)
– इवेंट मैनेजमेंट (5%)
– टेंट डेकोरेशन (12%)
– खानपान सेवाएं (10%)
– फूलों की सजावट (4%)
– परिवहन और कैब सेवाएं (3%)
– फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी (2%)
– ऑर्केस्ट्रा और बैंड (3%)
– लाइट और साउंड (3%)
– अन्य सेवाएं (3%)
Tags: Indian economy, Wedding Function, Wedding story
FIRST PUBLISHED : September 30, 2024, 19:06 IST