बाइक को कभी भी स्टार्ट करते ही रेव नहीं करना चाहिए. बाइक स्टार्ट होने के बाद कुछ देर खड़ी रखनी चाहिए. ठंडी बाइक को चलाने से इंजन खराब होने डर रहता है.
उसैन बोल्ट या दूसरे एथलीट जब भी मैदान में उतरते हैं तो सबसे पहले वार्म-अप करते हैं. वार्म-अप करने के बाद ही दौड़ते हैं. यदि वे वार्म-अप न करें तो क्या होगा? एक्सपर्ट कहते हैं कि भागने या खेलने से पहले यदि वार्म-अप नहीं किया तो मांसपेशियां और हड्डियां चटकने लगेंगी. बिलकुल यही हाल मशीन का भी होता है. मोटरसाइकिल भी एक मशीन है, जो इंसान की डे-टू-डे लाइफ का अहम हिस्सा बन चुकी है. यदि दिन में पहली बार बाइक चालने पर रेस देने से पहले आपने उसे वार्म-अप नहीं किया तो बहुत जल्दी आपकी बाइक कबाड़ हो जाएगी.
यदि आप टाइम टू टाइम सर्विस भी कराते हैं और बड़े प्यार से चलाते हैं तो भी आपको दिक्कत हो सकती है. दरअसल, बाइक को स्टार्ट करते ही गियर डालकर रेस दे देना ठीक नहीं है. हालांकि ज्यादातर लोग ऐसा ही करते हैं. वे शायद इस बात को जानते नहीं कि वे अपनी मशीन पर कितना बड़ा अत्याचार कर रहे हैं. इसके पीछे का लॉजिक क्या है, चलिए समझते हैं.
पहले बाइक्स में कार्बोरेटर (Carburettor) के साथ इंजन आता था, मगर अब फ्यूल इंजेक्शन टेक्नोलॉजी वाला इंजन आता है. हालांकि अभी भी बड़ी संख्या में लोग ऐसे भी हैं जो अपनी पुरानी बाइक को पसंद करते हैं और वो कार्बोरेटर वाली ही हैं. वहीं नई बाइक्स की संख्या इनसे भी ज्यादा है. यदि आप भी एक कार्बोरेटर से लैस बाइक को ड्राइव करते हैं तो आपके लिए ये जानकारी और भी ज्यादा जरूरी है. दरअसल इसके लिए कार्बोरेटर के मैकेनिज्म और इंजन के मैकेनिज्म को जानना जरूरी है.
कैसे काम करता है कार्बोरेटर
कार्बोरेटर बाइक में फ्यूल और एयर के सही रेश्यो को इंजन तक पहुंचाने का काम करता है. जब बाइक का इग्नीशन ऑन किया जाता है तो फ्यूल पंप काम करता है और फ्यूल को कार्बोरेटर तक भेजता है. बाइक को किक करने पर एयर फ्यूल का रेश्यो इंजन तक जाने के साथ ही स्पार्क प्लग की मदद से इग्नाइट होता है और बाइक स्टार्ट हो जाती है.
इंजन का मैकेनिज्म
इंजन वैसे तो कई पार्ट्स से मिल कर बनता है लेकिन इसके अहम पार्ट होते हैं हैड, पिस्टन, क्रैंक और पिस्टन रिंग्स. जब बाइक स्टार्ट होती है तो पिस्टन का मूवमेंट होता है ओर ये काफी तेज होता है. इसके हैड पर क्रैंक लगा होता है जिससे गियर को रोटेशन मिलता है और बाइक चलती है.
क्या होगा ठंडी बाइक स्टार्ट करने पर
कार्बोरेटर बाइक्स में चोक दी जाती थी. ठंड के मौसम में या पहली बार मोटरसाइकिल जब आसानी से स्टार्ट नहीं होती तो चोक का इस्तेमाल कर इसको स्टार्ट किया जाता है. चोक कार्बोरेटर में एयर की सप्लाई को खत्म कर प्योर फ्यूल पर बाइक को स्टार्ट करती है. जिससे बाइक आसानी से स्टार्ट तो हो जाती है लेकिन इस दौरान इंजन ठंडा होता है. क्योंकि इंजन मैटल से बना होता है और इसकी खासियत होती है कि ये जितनी तेजी से गर्म होता है उतनी ही तेजी से ठंडा भी होता है और ठंडा होने के साथ ही ये सख्त हो जाता है और एक्सपेंड भी करता है. बाइक के स्टार्ट होने पर पिस्टन का मूवमेंट नॉर्मल होता है लेकिन यदि इसको रेव किया जाए तो पिस्टन का मूवमेंट तेज हो जाता है. ये पिस्टन रिंग्स के साथ ही क्रैंक को भी नुकसान पहुंचा सकता है. यदि पिस्टन रिंग्स को नुकसान पहुंचेगा तो बाइक के इंजन को ठंडा रखने वाला ऑयल पेट्रोल के साथ मिक्स होने लगेगा. इसके बाद आपकी बाइक धुंआ छोड़ेगी और इंजन धीरे-धीरे खराब होने लगेगा. वहीं ऐसी ठंडी मोटरसाइकिल पर लोड डालने यानि दो या तीन सवारी बिठा कर चलाने पर भी इंजन को नुकसान पहुंचता है.
फ्यूल इंजेक्शन बाइक्स में…
नई बाइक्स को लेकर एक बड़ी बहस ये है कि इनको ठंडा होने पर भी रेव किया जा सकता है. लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि इंजन का मैकेनिज्म एक जैसा ही होता है और इनमें भी सभी पार्ट्स वही होते हैं इसलिए यदि ठंडे इंजन में इन्हें भी ज्यादा रेस दी जाए तो पिस्टन रिंग्स को भारी नुकसान पहुंचता है. ऐसा करने का परिणाम होता है कि समय से पहले ही आपकी बाइक कबाड़ में बदल जाती है.
क्या करना चाहिए
मोटरसाइकिल को जब भी दिन में पहली बार स्टार्ट करें तो उसे कुछ देर (2 से 5 मिनट) बिना रेस दिए खड़ा रहने दें. यदि ऐसा नहीं कर सकते हैं तो बाइक को कुछ देर कम स्पीड में दूसरे गियर में ही चलाएं. ऐसा करने से इंजन ऑयल पूरी तरह से रोटेट हो जाएगा और इंजन को लुब्रिकेशन मिलेगा. साथ ही बाइक का इंजन कुछ हद तक गर्म हो जाएगा जिसके बाद किसी भी तरह के नुकसान की गुंजाइश नहीं रहेगी.
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FIRST PUBLISHED : December 16, 2023, 11:00 IST