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नोएडा में बन रहे 5-5 करोड़ के लग्जरी अपार्टमेंट, आखिर इन्हें खरीदेगा कौन? कहीं ये बबल तो नहीं?


नई दिल्ली. नोएडा तेजी से गुरुग्राम को पीछे छोड़ते हुए एक नया रियल एस्टेट हॉटस्पॉट बन गया है. यहां लग्जरी हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की कीमतें लगभग गुरुग्राम के नए प्रोजेक्ट्स के बराबर पहुंच रही हैं. लोग अब पुराने ‘कोठियों’ से निकलकर ‘कॉनडो’ लाइफस्टाइल में शिफ्ट हो रहे हैं, खासकर वे लोग जो शहर के इंडस्ट्रियल एरिया में कामयाब हुए हैं. यहां 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की कीमत वाले अपार्टमेंट्स की मांग तेजी से बढ़ रही है. आखिर इस तेजी की वजह क्या है? क्या यह अपार्टमेंट्स वास्तव में इतने महंगे हैं, और इन्हें खरीदने वाले लोग कौन हैं? क्या यह रियल एस्टेट मार्केट में स्थिरता लाएंगे या या फिर यह कोई ‘बबल’ है, जो किसी भी वक्त फूट जाने वाला है?

समझा जाता है कि बेहतर कानून व्यवस्था और बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ-साथ सरकार की ओर से बिजनेस और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने की योजनाओं का यह एक असर है. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, सड़कों और मेट्रो के विस्तृत नेटवर्क से यह क्षेत्र और ज्यादा कनेक्टिविटी में बेहतर होता जा रहा है, जिससे प्रॉपर्टी की कीमतों में वृद्धि देखी जा रही है.

तो लग्ज़री घर ही क्यों बना रहे डेवलपर?
जमीन की बढ़ती कीमतों की वजह से रियल एस्टेट डेवलपर्स को अब लग्जरी हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की ओर रुख करना पड़ रहा है. पहले, डेवलपर्स को जमीन की कीमत का 10% भुगतान करने की अनुमति थी, लेकिन अब उन्हें पूरा भुगतान 90 दिनों के भीतर करना पड़ता है, जिससे जमीन की कीमतें और भी महंगी हो गई हैं. इस वजह से डेवलपर्स अब अधिक सुविधाओं के साथ अल्ट्रा-लक्जरी अपार्टमेंट्स लॉन्च कर रहे हैं, ताकि ये प्रोजेक्ट्स आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकें.

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हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक्सपीरियॉन, M3M, गौड़्स ग्रुप और मैक्स जैसे डेवलपर्स अब अल्ट्रा-लक्जरी अपार्टमेंट्स पेश कर रहे हैं. नोएडा में जमीन की सीमित आपूर्ति और महंगी कीमतों के चलते कई प्रोजेक्ट्स की कीमतें 5 करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच रही हैं. नोएडा में अब रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स के लिए सिर्फ 19% जमीन का उपयोग किया जा सकता है, जिससे नए प्रोजेक्ट की कीमतें भी आसमान को छूने लगी हैं.

गौड़ (Gaur) ग्रुप के चेयरमैन मनोज गौड़ के अनुसार, “नोएडा में जमीन की आपूर्ति घट गई है और जमीन की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं, जिससे नए प्रोजेक्ट्स की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है.” अब डेवलपर्स अधिक सुविधाओं वाले बड़े अपार्टमेंट्स बनाकर ही मुनाफा कमा सकते हैं.

भविष्य की संभावनाएं
नोएडा में लग्जरी अपार्टमेंट्स की मांग के पीछे बुनियादी ढांचे का विकास एक महत्वपूर्ण कारक है. आने वाले नोएडा स्थित जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के कारण यहां रियल एस्टेट की कीमतों में और भी इजाफा हो सकता है. साथ ही, नोएडा अब सिर्फ एक ऑफिस बैक-एंड लोकेशन नहीं रह गया है, यहां कई आईटी और कंसल्टिंग फर्म्स भी हैं, जिससे यह निवेश के लिए एक प्राइम लोकेशन बनता जा रहा है.

कौन खरीद रहा है ये लग्जरी अपार्टमेंट्स?
ये लग्जरी अपार्टमेंट्स मुख्य रूप से उन लोगों द्वारा खरीदे जा रहे हैं, जो अपनी पुरानी बंगलों को बेचकर नई ‘कॉनडो’ लाइफस्टाइल में शिफ्ट होना चाहते हैं. इसमें एनआरआई, स्थानीय उद्यमी, और बड़े कॉन्ट्रैक्टर शामिल हैं. साथ ही कई इन्वेस्टर्स भी इन प्रोजेक्ट्स में मुनाफे की उम्मीद से निवेश कर रहे हैं.

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हालांकि, सामान्य मध्यम वर्ग के लोग, जिनका बजट 1 करोड़ रुपये के आसपास है, उनके पास इन प्रोजेक्ट्स में निवेश करने के ज्यादा विकल्प नहीं हैं. उन्हें सेकेंडरी मार्केट या ग्रेटर नोएडा वेस्ट की तरफ देखना होगा.

क्या यह रियल एस्टेट बबल है?
रियल एस्टेट विशेषज्ञों के अनुसार, फिलहाल बाजार में कोई बबल जैसी स्थिति नहीं है. COVID-19 के बाद से संपत्ति की कीमतों में बहुत ज्यादा वृद्धि नहीं हुई है. लेकिन इस महामारी से पहले 5 करोड़ रुपये के मूल्य वाले प्रोजेक्ट्स नहीं थे. इनका आना बाजार में स्थिरता का संकेत देता है. डेवलपर्स की ओर से ज्यादा प्रोजेक्ट्स लॉन्च नहीं किए जा रहे हैं, जिससे बाजार में सीमित सप्लाई है और यह बबल जैसी स्थिति से बचाव कर रहा है.

Tags: Business news, Property, Property investment, Property market



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