नई दिल्ली. संगीत की दुनिया की सरताज कही जाने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर के माता-पिता ने उनका नाम हेमा रखा था. लेकिन बाद में एक नाटक के एक किरदार से प्रेरित होकर उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर ने उनका नाम लता रख दिया था. बहुत कम लोग जानते हैं कभी दिलीप कुमार की एक फिल्म से उन्हें ये कहकर बाहर कर दिया गया था कि उनकी आवाज बहुत पतली है.
साल 1948, फिल्म आई ‘जिद्दी’, गाने सुपरहिट थे. उस दौर की मंझी हुई अदाकारा कामिनी कौशल के लिए लता मंगेशकर ने गाने गाए. फिल्म खूब पसंद की गई. उस दौर में सिंगर का नाम डिस्क पर नहीं जाता था, सो लता का भी नहीं गया. नाम लिखा गया ‘आशा’! क्या ये उनकी छोटी बहन आशा भोसले का नाम था! लता मंगेशकर एक युग का नाम है. तकरीबन 70 साल तक उन्होंने हिंदी सिने जगत को अपनी मीठी आवाज से बांधे रखा. लेकिन डिस्क पर नाम लता मंगेशकर का नहीं आशा का था. आशा यानी उनकी छोटी बहन नहीं, उस फिल्म में कामिनी कौशल के कैरेक्टर का ना आशा था.
कामिनी कौशल की वजह से डिस्क पर लिखा लता का नाम
म्यूजिक कंपनी ने आशा ही नाम छापा. वो दौर ही कुछ ऐसा था कि एक्ट्रेस-एक्टर का नाम तो जाता था, लेकिन सिंगर्स को क्रेडिट नहीं दिया जाता था. फिर हुआ यूं कि गाना खूब बजा, लोगों को पसंद भी आया और सिंगर के तौर पर कामिनी कौशल को लोगों का प्यार भी खूब मिलने लगा. लेकिन, कामिनी कौशल को ये बात अखर गई. उन्हें लता का क्रेडिट लेने में हिचक महसूस हुई। तुरंत, रिकॉर्डिंग कंपनी से गुजारिश की कि उनकी जगह लता का नाम डाला जाए. ऐसा ही हुआ और तब जाकर आशा की जगह लता का नाम लिखा गया. कामिनी कौशल ने खुद एक इंटरव्यू में इसका जिक्र किया था.
दिलीप कुमार की फिल्म से हुई थी रिजेक्ट
लता मंगेशकर को साक्षात सरस्वती का अवतार माना जाता रहा और उनके बारे में यह धारणा रही कि अपनी जादुई आवाज से वह किसी भी गाने को हिट करा देती थीं. लेकिन, एक वक्त ऐसा भी था जब लता मंगेशकर को उनकी पतली आवाज की वजह से मशहूर निर्देशक ने रिजेक्ट कर दिया था. मतलब लता जी जैसी गायिका को भी काफी संघर्षों से गुजरना पड़ा था. यह मामला दिलीप कुमार की फिल्म ‘शहीद’ का है.
महज 13 साल की उम्र में की थी शुरुआत
लता मंगेशकर के खाते में 50 हजार से ज्यादा गीत गाने का रिकॉर्ड हैं. उन्होंने 141 अलग-अलग भाषाओं में इतने गीत गाए हैं. महज 13 साल की उम्र में ही उन्होंने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत कर दी थी. लता जी ने तो खुद ही कहा था कि वह अपने गाए गाने नहीं सुनती थीं क्योंकि उनको अपने गाए गानों में सैकड़ों कमियां नजर आती थी, वह अपने सबसे पसंदीदा संगीत निर्देशक के तौर पर मदन मोहन का नाम लेती रहीं.
लता मंगेशकर को पहली सैलरी मिली थी 25 रुपए
भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादासाहेब फाल्के जैसे कई अवॉर्ड से लता मंगेशकर सम्मानित हुईं. स्वर कोकिला, स्वर साम्राज्ञी, बुलबुले हिंद जैसे की नाम से जानी जाती हैं हमारी अपनी लता मंगेशकर. आज उनकी 95वें जयंती पर बता रहे हैं उनके पहले गाने का किस्सा जो उन्होंने स्टेज पर गाया था. पहली बार स्टेज पर गाने के लिए लता मंगेशकर को 25 रुपए मिले थे, वह इसे ही अपनी पहली सैलरी मानती आई थीं.
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FIRST PUBLISHED : September 28, 2024, 07:25 IST