दिल्ली के परिवहन मंत्री ने कहा- फिलहाल मामला विचाराधी है. दिल्ली में 97 लाख व्हीकल रजिस्टर्ड हैं. बड़ी संख्या में वाहनों का नहीं हुआ है पीयूसी.
नई दिल्ली. दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट कार चालकों को बड़ा झटका देने की तैयारी में है. अब दिल्ली में PUC सर्टिफिकेट बनवाना महंगा हो सकता है. परिवहन विभाग ने पीयूसी सर्टिफिकेट की फीस को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. यदि ऐसा होता है तो फीस में 80 प्रतिशत तक की बढ़ाेतरी हो जाएगी. जानकारी के अनुसार पीयूसी सर्टिफिकेट की दरों में आखिरी बार 2011 में इजाफा किया गया था. हालांकि बिना सर्टिफिकेट के वाहनों के चालान की राशि को पहले भी बढ़ाया जा चुका है. परिवहन विभाग का प्रस्ताव परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को मिला है और ये फिलहाल विचाराधी है.
गौरतलब है कि पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और एलपीजी से लैस कारा, बाइक या कमर्शियल वाहन सभी को पीयूसी सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होता है. यदि किसी भी वाहन का पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं पाया जाता है तो ऐसे में 10 हजार रुपये के चालान का प्रावधान है.
मोटर व्हीकल एक्ट 1989 के अनुसार हर नए वाहन के रजिस्ट्रेशन के एक साल के बाद पीयूसी सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है. फोर व्हीलर में बीएस 4 और उससे आगे के वाहनों के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट की वैधता 1 साल की है और इसके अलावा सभी वाहनों के लिए ये 3 महीने है.
बड़ी संख्या में नहीं है पीयूसी सर्टिफाइड व्हीकल
परिवहन विभाग के आंकड़ाें के अनुसार शहर में बड़ी संख्या में चल रहे वाहनों के पास पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है. शहर में करीब 85 प्रतिशत से वाहन ऐसे हैं जो बिना पीयूसी सर्टिफिकेट के चल रहे हैं. हालांकि इनमें भी बड़ी संख्या दोपहिया वाहनों की ही है.
कितने वाहन
राजधानी की बात की जाए तो यहां पर 97 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड व्हीकल हैं. इनमें 27.8 लाख कारें, 69.8 लाख टू व्हीलर हैं. वहीं 22 लाख वाहनों के पास पीयूसी सर्टिफिकेट के बिना हैं. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सख्त नियमों के बावजूद भी लोग जुर्माना नहीं देते हैं. लेकिन अब ऐसे लोगों पर लगाम कसने के लिए सख्त नियम लागू किए जाएंगे और लोगों से जुर्माना वसूला जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : December 23, 2023, 16:33 IST