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भारतीय बॉलर जिन्‍होंने डेब्‍यू टेस्‍ट में दिखाई चमक, फिर जल्‍द हुए ‘गुमनाम’, 3 स्पिनर शामिल


नई दिल्‍ली. क्रिकेट में कुछ ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिन्‍होंने अपने डेब्‍यू टेस्‍ट में बेहतरीन प्रदर्शन करके भविष्‍य का सितारा बनने की उम्‍मीद जगाई लेकिन जल्‍द ही इंटरनेशनल परिदृश्‍य से ओझल हो गए है. प्रदर्शन में स्थिरता न होने, किस्‍मत का साथ न मिलने और अन्‍य कारणों से ये ‘लंबी रेस का घोड़ा’ नहीं बन सके. भारतीय प्‍लेयर्स की बात करें तो इसमें सबसे प्रमुख नाम नरेंद्र हिरवानी और सुरिंदर अमरनाथ का है. रिस्‍ट स्पिनर हिरवानी ने अपने पहले ही टेस्‍ट की दोनों पारियों में 8-8 विकेट लेकर तहलका मचाया था लेकिन दुर्भाग्‍यवश उनका करियर लंबा नहीं चला. इसी तरह सुरिंदर अमरनाथ को एक समय देश का बेहतरीन बाएं हाथ का बैटर माना जाता था. वर्ल्‍डकप 1983 की विजेता भारतीय टीम के उपकप्‍तान मोहिंदर अमरनाथ के बड़े भाई सुरिंदर ने डेब्‍यू टेस्‍ट में शतक जड़कर इंटरनेशनल क्रिकेट में शानदार आगाज किया था लेकिन 10 टेस्‍ट और 3 वनडे ही खेल सके.

बॉलिंग में भारत के कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्‍होंने डेब्‍यू टेस्‍ट में ही अपना सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन दिया लेकिन इसके बाद फिर कभी उस तरह का या उससे बेहतर प्रदर्शन दोहरा नहीं पाए. इन बॉलर्स में तीन स्पिनर शामिल हैं.

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नजर डालते हैं उन बॉलर्स पर जिन्‍होंने डेब्‍यू टेस्‍ट में ही अपना सर्वश्रेष्‍ठ बॉलिंग विश्‍लेषण दर्ज किया

‘हीरू’ ने डेब्‍यू टेस्‍ट में 16 विकेट लेकर मचाया था तहलका

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दाएं हाथ के रिस्‍ट स्पिनर नरेंद्र हिरवानी (Narendra Hirwani) का जन्‍म तो यूपी के गोरखपुर में हुआ था लेकिन क्रिकेट में उनकी कर्मभूमि मध्‍य प्रदेश का इंदौर शहर रहा. संजय जगदाले की निगरानी में हिरवानी ने बॉलिंग की बारीकियां सीखीं और घरेलू क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन करते हुए 1988 में भारतीय टीम में जगह बनाई. ‘हीरू’ के नाम से लोकप्रिय हिरवानी ने 19 साल की उम्र में वेस्‍टइंडीज के खिलाफ चेन्‍नई में धमाकेदार डेब्‍यू किया और पहली पारी में 61 रन देकर 8 और दूसरी पारी में 75 रन देकर 8 विकेट हासिल किए. यह अभी तक डेब्यू टेस्‍ट में किसी भी बॉलर का सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन (16/136) है. ऑस्‍ट्रेलिया के बॉब मेसी भी हिरवानी की तरह डेब्‍यू टेस्‍ट में 16 विकेट ले चुके हैं लेकिन उन्‍होंने इसके लिए हिरवानी से ज्‍यादा रन खर्च किए थे.

खास बात यह है कि हिरवानी ने 1980-90 के दौर की उस मजबूत इंडीज टीम के खिलाफ यह प्रदर्शन किया था जिसमें डेसमंड हेंस, फिल सिमंस, रिची रिचर्डसन, विव रिचर्ड्स, कार्ल हूपर और जेफ डूजोन जैसे दिग्‍गज शामिल थे. पहले टेस्‍ट के इस प्रदर्शन के बाद हिरवानी विश्‍व क्रिकेट में सनसनी बनकर उभरे थे लेकिन वे फिर कभी इस तरह का प्रदर्शन दोहरा नहीं सके. भारतीय क्रिकेट में लेग स्पिनर अनिल कुंबले के आगमन के बाद हिरवानी ‘पिछड़ते’ गए. 17 टेस्‍ट और 18 वनडे के साथ ही उनका इंटरनेशनल करियर खत्‍म हो गया. टेस्‍ट में 30.10 के औसत से 66 विकेट (सर्वश्रेष्‍ठ 8/61) और वनडे में 31.26 के औसत से 23 विकेट (सर्वश्रेष्‍ठ 4/43) उन्‍होंने हासिल किए. हिरवानी बाद में सिलेक्‍शन कमेटी के भी सदस्‍य रहे.

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आबिद अली ने डेब्‍यू टेस्‍ट में एडिलेड में लिए थे 6 विकेट
दाएं हाथ के बैटर और मीडियम पेसर आबिद अली (Abid Ali) ने 1967 से 1975 तक भारत के लिए 29 टेस्‍ट और 5 वनडे खेले. बेहतरीन बैटर, उपयोगी बॉलर होने के साथ-साथ आबिद बेहतरीन फील्‍डर भी थे. मौजूदा लिमिटेड ओवर क्रिकेट के लिहाज से वे अच्‍छे ऑलराउंडर साबित होते.  हैदराबाद शहर में जन्‍मे आबिद ने दिसंबर 1967 में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में टेस्‍ट डेब्‍यू किया और पहली पारी में ही 17 ओवर्स में 55 रन देकर 6 विकेट लिए. उनके शिकारों में बॉब सिम्‍पसन और बिल लॉरी जैसे दिग्‍गज शामिल थे. ऑस्‍ट्रेलिया की दूसरी पारी में भी उन्‍होंने एक विकेट लिया था. डेब्‍यू टेस्‍ट के इस प्रदर्शन के बाद आबिद कभी पारी में 5 विकेट नहीं ले सके. 29 टेस्‍ट में 1018 रन (सर्वोच्‍च 81) और 47 विकेट (सर्वोच्‍च 6/55) के साथ उनका करियर खत्‍म हुआ. 1975 के वर्ल्‍डकप की भारतीय टीम के मेंबर आबिद ने 5 वनडे में 93 रन बनने के अलावा 7 विकेट भी हासिल किए.

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रिस्‍ट स्पिनर अमित मिश्रा ने डेब्‍यू टेस्‍ट में खोला था ‘पंजा’

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हरियाणा के अमित मिश्रा (Amit Mishra) को दाएं हाथ के रिस्‍ट स्पिनर के तौर पर काफी ऊंचा रेट किया जाता था. हालांकि उनके दौर में अनिल कुंबले और हरभजन सिंह जैसे दिग्‍गजों की मौजूदगी के कारण ‘मिश्राजी’ को भारतीय टीम में सीमित मौके ही मिल पाए. वनडे में मिश्रा का डेब्‍यू तो अप्रैल 2003 में हो गया था लेकिन टेस्‍ट डेब्‍यू के लिए उन्‍हें अक्‍टूबर 2008 तक इंतजार करना पड़ा. ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली में डेब्‍यू टेस्‍ट में उन्‍होंने पहली पारी में 71 रन देकर 5 और दूसरी पारी में 35 रन देकर 2 विकेट लिए. मैच में टीम इंडिया की जीत में मिश्रा का अहम योगदान रहा लेकिन इसके बाद अगले 21 टेस्‍ट में वे कभी पारी में 5 विकेट नहीं ले पाए. 22 टेस्‍ट में 76 विकेट लेने वाले मिश्रा ने 36 वनडे में 64 विकेट (सर्वश्रेष्‍ठ 6/48 )लिए जिसमें दो बार पारी में 5 विकेट शामिल रहे. मिश्रा का यह दुर्भाग्‍य रहा कि वनडे में 23.60 और टी20I में 15.00 के बेहतरीन बॉलिंग औसत के बावजूद भारतीय टीम के रेगुलर मेंबर नहीं रह सके. इंडियन जर्सी में आखिरी बार वे फरवरी 2017 में इंग्‍लैंड के खिलाफ टी20 मैच खेलते नजर आए थे.

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‘इखार एक्‍सप्रेस’ मुनाफ की गति थी जबर्दस्‍त लेकिन..

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भारतीय टीम में एक्‍सप्रेस गति वाले फास्‍ट बॉलर गिनती के ही रहे हैं. ऐसे में 2006 में इंग्‍लैंड के खिलाफ टेस्‍ट डेब्‍यू से पहले ही मुनाफ पटेल (Munaf Patel) को मीडिया में चर्चा मिलने लगी थी. गुजरात के इखर में जन्‍मे मुनाफ अपनी गेंदों से बैटरों में खौफ पैदा करने में सक्षम थे. स्‍वाभाविक रूप से तेज बॉलिंग में सक्षम मुनाफ ने MRF पेस अकादमी में डेनिस लिली के मार्गदर्शन में गेंदबाजी के गुर सीखे. इंग्‍लैंड के खिलाफ मोहाली में अपने डेब्‍यू टेस्‍ट में मुनाफ ने पहली पारी में 72 रन देकर 3 और दूसरी पारी में 25 रन देकर 4 विकेट लिए. टेस्‍ट में एलिस्‍टर कुक, केविन पीटरसन, एंड्रयू फ्लिंटॉफ जैसे बैटर भी उनकी गेंदों की गति के आगे चौंकते नजर आए थे. हालांकि हर गुजरते मैच के बाद मुनाफ न यह गति बरकरार रख पाए और न ही ऐसा प्रदर्शन. गति के बजाय सटीकता पर ध्‍यान देने के कारण वे साधारण तेज गेंदबाज बनकर रह गए. वर्ल्‍डकप 2011 के चैंपियन टीम के सदस्‍य रहे मुनाफ 13 टेस्‍ट, 70 वनडे और 3 टी20 मैच खेले. टेस्‍ट में 35 (सर्वश्रेष्‍ठ 4/25), वनडे में 86 (सर्वश्रेष्‍ठ 4/29) और टी20I में 4 विकेट उनके नाम पर दर्ज हैं.

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तीन टेस्‍ट, 5 वनडे ही खेल सके ऑफब्रेक बॉलर सरनदीप
पंजाब में जन्‍मे सरनदीप सिंह (Sarandeep Singh) को बेहतरीन ऑफब्रेक बॉलर माना जाता था लेकिन हरभजन सिंह की मौजूदगी के कारण उन्‍हें भारतीय टीम में खेलने के सीमित मौके ही मिल पाए.सरनदीप ने जिम्‍बाब्‍वे के खिलाफ नवंबर 2000 में नागपुर में टेस्‍ट डेब्‍यू किया और पहली पारी में 70 रन देकर 2 और दूसरी पारी में 136 रन देकर 4 विकेट लिए. टेस्‍ट क्रिकेट में 4/136 ही सरनदीप का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा. इसके बाद वे दो टेस्‍ट और खेले और इनमें केवल 4 विकेट ले सके. तीन टेस्‍ट में 34.00 के औसत से 10 विकेट और 5 वनडे में 60.00 के साधारण औसत से 3 विकेट के साथ ही उनके इंटरनेशनल करियर का अंत हो गया. वैसे 92 फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट में 314 और 77 लिस्‍ट ए मैचों में 97 विकेट सरनदीप ने हासिल किए.

Tags: Amit mishra, Sarandeep Singh, Team india, Test cricket



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