Blog

भारत के घर-घर में लगी है ये डिवाइस! पेजर और वॉकी-टॉकी अटैक के बाद सरकार सचेत, चीन से इम्पोर्ट तुरंत बैन?


नई दिल्ली. हाल ही में लेबनान में हुए पेजर विस्फोटों के बाद, केंद्र सरकार जल्द ही एक नया आदेश लागू करने की तैयारी कर रही है. इसके तहत सभी प्रकार के निगरानी उपकरणों की आपूर्ति श्रृंखलाओं से चीनी कंपनियों को बाहर कर दिया जाएगा. इस कदम से भारतीय कंपनियों को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है. सूत्रों के अनुसार, यह आदेश 8 अक्टूबर से लागू हो सकता है और इससे चीनी कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी खत्म हो सकती है. एक प्रमुख उद्योग सूत्र ने बताया, “पेजर विस्फोटों के मद्देनजर, सरकार कुछ महत्वपूर्ण घटकों की आपूर्ति पर गहन नजर रख रही है.”

हालांकि, इस साल मार्च और अप्रैल में ही इस संबंध में अधिसूचनाएं जारी की गई थीं, लेकिन अब लेबनान की घटना के बाद सुरक्षा पर सरकार ने तेजी से ध्यान केंद्रित किया है. अब सीसीटीवी कैमरों से जुड़े दिशा-निर्देशों को शीघ्र लागू करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे केवल ‘विश्वसनीय स्थानों’ से आए हुए उत्पादों को ही भारत में बेचा जा सकेगा.

ये भी पढ़ें- कभी दौलत-शोहरत चूमती थी इनके कदम, फिर ऐसी रूठी लक्ष्मी कि नाम-पैसा दोनों मिले मिट्टी में

डाटा सुरक्षा पर जोर
निगरानी उपकरणों की सुरक्षा में सबसे बड़ी चिंता डाटा की सुरक्षा है. कैमरे संवेदनशील स्थानों पर लगाए जाते हैं, और सरकार नहीं चाहती कि ऐसे उपकरण उपयोग में आएं, जिनसे डेटा लीक हो या गलत हाथों में चला जाए. सूत्र ने कहा, “सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उत्पादन श्रृंखला पर पूरी पारदर्शिता हो और उसमें किसी भी प्रकार के ‘बैकडोर’ (गुप्त रास्तों) का उपयोग न हो, जिससे डेटा लीक हो सकता है.”

‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा
सरकार का यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के प्रयासों का हिस्सा है. भारतीय कंपनियों को अब सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए अपने उत्पादों का निर्माण करना होगा, और चीनी कंपनियों को हटाने से यह प्रक्रिया और तेज होगी. इसके साथ ही, सीसीटीवी उपकरणों पर गुणवत्ता जांच के साथ-साथ सुरक्षा जांच भी अनिवार्य कर दी गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारतीय कंपनियों को स्थानीय स्तर पर अपनी सामग्री को अधिक सुरक्षित बनाना पड़ेगा. हालांकि, कुछ कंपनियों को रिसर्च और डेवलपमेंट (आरएंडडी) में भारी निवेश करना पड़ सकता है, जो उनकी विकास गति को प्रभावित कर सकता है.

विदेशी कंपनियों पर असर
भारत में सीसीटीवी बाजार का 60% हिस्सा CP Plus, Hikvision और Dahua जैसी कंपनियों के पास है. जहां CP Plus एक भारतीय कंपनी है, वहीं Hikvision और Dahua चीनी कंपनियां हैं. अमेरिकी सरकार ने पहले ही Hikvision और Dahua के उपकरणों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा माना जा रहा था. सरकार के इस कदम से भारतीय कंपनियों के लिए एक बड़ा अवसर खुल सकता है, और चीनी कंपनियों की पकड़ कमजोर हो सकती है.

Tags: Business news, China, China india



Source link

Shares:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *