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मैन्युफैक्चरिंग की बादशाह कंपनी का चीन से भर गया मन, भारत से कर बैठी प्यार, अब और पैसा लगाने को तैयार


हाइलाइट्स

चेन्नई के पास स्थित ईएसआर ओरगडम इंडस्ट्रियल एंड लॉजिस्टिक्स पार्क में ली है जमीन. फॉक्सकॉन की यूनिट इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में भारत की स्थिति को मजबूत करेगी.फॉक्सकॉन की यह नई यूनिट गूगल पिक्सल फोन की असेंबली में भी मदद करेगी.

नई दिल्‍ली. ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन भारत में स्मार्टफोन डिस्प्ले मॉड्यूल्स की असेंबली यूनिट लगाने की योजना बना रही है. इसके लिए कंपनी लगभग 1 बिलियन डॉलर (लगभग 83,528 करोड़ रुपये) का निवेश करने की योजना बना रही है. इकोनॉमिकट टाइम्‍स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह भारत में फॉक्सकॉन की पहली ऐसी असेंबली यूनिट होगी, जो मुख्य रूप से iPhone के लिए Apple को सेवाएं देगी. फॉक्सकॉन का मॉडल ऐसा होगा, जिसमें पेगाट्रॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे अन्य कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स भी चीन से मॉड्यूल आयात करने के बजाय इस यूनिट में बनें कंपोनेंट्स का इस्‍तेमाल कर पाएंगे.

फॉक्सकॉन का यह कदम Apple की चीन से बाहर अपनी सप्लाई चेन को शिफ्ट करने की रणनीति का हिस्सा है. कंपनी भारत में अपने संचालन का विस्तार कर रही है और Apple के लिए एक महत्वपूर्ण सप्लाई चेन पार्टनर बनती जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, कंपनी इस यूनिट को जल्द से जल्द चालू करना चाहती है. हालांकि, फॉक्सकॉन ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

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तमिलनाडु में लगेगा संयंत्र
सूत्रों के अनुसार, फॉक्सकॉन ने चेन्नई के पास स्थित ईएसआर ओरगडम इंडस्ट्रियल एंड लॉजिस्टिक्स पार्क में लगभग 500,000 वर्ग फुट जगह ली है, जो कंपनी की स्मार्टफोन असेंबली यूनिट के पास है. विशेषज्ञों का मानना है कि फॉक्सकॉन की प्रस्तावित यूनिट इलेक्ट्रॉनिक असेंबली और मैन्युफैक्चरिंग में भारत की स्थिति को मजबूत करेगी.

काउंटरप्वाइंट के रिसर्च डायरेक्टर तरुण पाठक का कहना है कि फोन असेंबली से भारत को 5% स्थानीय मूल्य वर्धन (Local Value Add) मिलता है, जबकि डिस्प्ले असेंबली से यह 2-3% और बढ़ सकता है. फॉक्सकॉन की यह नई यूनिट गूगल पिक्सल फोन की असेंबली में भी मदद करेगी.

ज्‍यादातर आयात ही होते हैं डिस्प्ले मॉड्यूल्स
फॉक्सकॉन भारत में स्मार्टफोन बिजनेस को आक्रामक रूप से विस्तार कर रहा है और साथ ही सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में भी अपनी पकड़ मजबूत करने की योजना बना रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में डिस्प्ले मॉड्यूल असेंबल करना एक महत्वपूर्ण कदम है. ऐसा इसलिए है क्‍योंकि वर्तमान में भारत अपने डिस्प्ले मॉड्यूल्स की जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है, जो लागत और सप्लाई चेन की जटिलताओं को बढ़ाता है.

चीन पर कम होगी निर्भरता
फॉक्सकॉन की यह पहल चीन से आयात पर निर्भरता को कम कर सकती है. वर्तमान में, डिस्प्ले मॉड्यूल्स का 60-65% आयात चीन से और 20-25% दक्षिण कोरिया से होता है. स्थानीय असेंबली यूनिट्स से उत्पाद की मार्केट टाइमिंग और लागत में कमी आ सकती है. भारत में मौजूद डिस्प्ले मॉड्यूल असेंबलर्स में प्रमुख चीनी कंपनियां शामिल हैं, जैसे कि टीसीएल सीएसओटी (तिरुपति, आंध्र प्रदेश) और टीएक्सडी (बवाल, हरियाणा). विशेषज्ञों का मानना है कि भारत स्थित यूनिट्स को सप्लाई चेन और कौशल विकास से संबंधित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जो वर्तमान में चीन से नियंत्रित होती हैं.

Tags: Business news, Infrastructure Projects, Manufacturing sector, New Iphone



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