यूपी रेरा के इस कदम से रेरा निर्णयों का लाभ शीघ्रता से मिल जाएगी. नई व्यवस्था वसूली प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाएगी. 46 आवंटियों को रिकवरी राशि से संबंधित सूचना ऑनलाइन दी गई है.
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) ने आवंटियों के हित में एक बड़ा कदम उठाया है. रेरा ने अपने पोर्टल को बैंक को बैंक पोर्टल से जोड़ दिया है. अब, जैसे ही किसी शिकायतकर्ता का डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) या चेक क्लियर होगा, उसकी जानकारी तुरंत रेरा पोर्टल पर अपलोड कर दी जाएगी. नई प्रणाली के तहत, बैंक द्वारा चेक या डी.डी. की क्लियरेंस होते ही उसकी जानकारी तुरंत रेरा पोर्टल पर अपडेट हो जाएगी. इसके बाद, शिकायतकर्ता को एक ऑटो-जेनरेटेड ई-मेल भेजा जाएगा, जिसमें शपथ-पत्र का प्रारूप भी होगा. शिकायतकर्ता को यह शपथ-पत्र 10 रुपये के नॉन-ज्यूडिशियल स्टाम्प पेपर पर नोटराइज करवाकर रेरा कार्यालय में जमा करना होगा। इसके बाद,.धनराशि तुरंत आर.टी.जी.एस. के माध्यम से शिकायतकर्ता के खाते में भेज दी जाएगी.
यह नई व्यवस्था पुरानी प्रक्रिया में होने वाली देरी को दूर करेगी. पहले जब बैंक किसी डीडी या चेक को क्लियर करता था, तो आवंटी को डाक के माध्यम से पत्र भेजा जाता था. यह प्रक्रिया काफी समय लेने वाली और जटिल थी, जिससे राशि मिलने में 25 दिनों से भी ज्यादा का समय लग जाता था. अब यह प्रक्रिया तत्काल हो जाएगी. यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने कहा कि यह नई व्यवस्था आवंटियों को रेरा के निर्णयों का लाभ शीघ्रता से प्रदान करेगी और वसूली प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाएगी. उन्होंने आवंटियों से अपने शपथ-पत्र जल्द से जल्द जमा कराने की अपील की.
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हलफनामे में देना होगा बैंक और लोन का विवरण
नए नियमों के तहत शिकायतकर्ताओं को अपने हलफनामे में बैंक खाता विवरण, अगर आवंटन संयुक्त है तो संयुक्त खाता विवरण, प्रमोटर से पहले प्राप्त किसी भी राशि का उल्लेख, और सक्षम न्यायालय से प्राप्त किसी भी निषेधाज्ञा का विवरण शामिल करना होगा. इसके साथ ही, बैंक से लिए गए किसी भी लोन की जानकारी भी देनी होगी और उसे चुकाने का वचन देना होगा. बैंक खाते का प्रमाण देने के लिए आवंटी को अपनी पासबुक की एक प्रति या रद्द चेक जमा करना होगा.
46 आवंटियों को दी ऑनलाइन सूचना
हाल ही में 46 आवंटियों को रिकवरी राशि से संबंधित सूचना ऑनलाइन दी गई है. यूपी-रेरा ने अपनी स्थापना के बाद से अब तक 10,550 रिकवरी सर्टिफिकेट जारी किए हैं, जिनकी कुल राशि लगभग ₹3,300 करोड़ है. इनमें से करीब 6,000 आरसी, जिनकी कुल राशि ₹1,435 करोड़ है, अब तक वसूली जा चुकी है.
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FIRST PUBLISHED : September 29, 2024, 09:22 IST