India’s Shortest Train Journey: भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है. यह विशालकाय नेटवर्क 65000 किलोमीटर में फैला हुआ है, जो देश के विभिन्न हिस्सों को आपस में जोड़ता है. भारत की सबसे लंबी रेल यात्रा में 75 घंटे से अधिक का समय लगता है. लेकिन क्या बता सकते हैं कि इसकी सबसे छोटी रेल यात्रा में कितना समय लगता है. यकीनन ये हमारेआपके अनुमान से भी बहुत कम है. नागपुर और अजनी के बीच की इस रेल यात्रा में ट्रेन केवल तीन किलोमीटर की दूरी तय करती है. इस यात्रा में केवल नौ मिनट का समय लगता है. बेहद छोटी ट्रेन यात्रा होने के बावजूद यह यात्रियों और रेलवे के लिए महत्वपूर्ण है.
नागपुर से अजनी रेल मार्ग
महाराष्ट्र में नागपुर और अजनी के बीच रेल मार्ग भारत में सबसे छोटा रेल मार्ग है. यह तीन किलोमीटर का हिस्सा नागपुर रेलवे डिवीजन का हिस्सा है. दोनों स्टेशन एक-दूसरे के इतने करीब स्थित हैं कि यात्रा केवल नौ मिनट में पूरी हो जाती है. लेकिन यह रूट स्थानीय यात्रियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. डेली पैसेंजर्स को यह रेल मार्ग भारत के सबसे व्यस्त रेलवे केंद्रों में से एक और उपनगरीय अजनी स्टेशन के बीच एक लिंक प्रदान करता है. अजनी, नागपुर का एक सेटेलाइट स्टेशन है जो मध्य रेलवे के अंतर्गत आता है. यहां से विदर्भ एक्सप्रेस, सेवाग्राम एक्सप्रेस और महाराष्ट्र एक्सप्रेस जैसी कई महत्वपूर्ण ट्रेनें गुजरती हैं.
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एसी-1 का टिकट 1255 रुपये का
एक ट्रैवल वेबसाइट के मुताबिक नागपुर से अजनी की यात्रा के लिए जनरल क्लास का टिकट 60 रुपये और स्लीपर क्लास का टिकट 175 रुपये का है. यही वजह है कि अधिकांश लोग जनरल क्लास का ही टिकट लेते हैं. एसी-3 का टिकट 555 रुपये, एसी-2 का 760 रुपये और एसी-1 का 1,255 रुपये है. नौ मिनट की यात्रा के लिए स्लीपर टिकट लेने का कोई तुक नहीं बनता है. लेकिन किराये की बात करें तो यहां सफर के लिए आपको करीब 100-200 किलोमीटर दूरी के बराबर पैसा खर्च करना पड़ता है.
विवेक एक्सप्रेस का रूट सबसे लंबा
देश में सबसे लंबे रूट वाली ट्रेन विवेक एक्सप्रेस है. स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती पर इस ट्रेन की घोषणा की गई थी. यह तमिलनाडु में कन्याकुमारी से असम में डिब्रूगढ़ तक जाती है. विवेक एक्सप्रेस लगभग 4300 किलोमीटर लंबा सफर तय करती है. यह करीब 74 घंटे, 35 मिनट में अपनी यात्रा पूरी करती है. यह ट्रेन 59 स्टेशनों पर रुकती है. इस ट्रेन को चलाने की घोषणा साल 2011-12 के रेल बजट में की गई थी.
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अजनी स्टेशन ने बनाया था ये रिकॉर्ड
अजनी रेलवे स्टेशन के नाम एक और रिकॉर्ड भी है. साल 2018 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर यह देश का तीसरा रेलवे स्टेशन बना था जिसमें सभी कर्मचारी महिलाएं थीं. उससे पहले मुंबई के माटूंगा और जयपुर के गांधीनगर स्टेशनों को यह उपलब्धि हासिल हो चुकी थी. तब अजनी में 22 महिला कर्मचारी थीं. इनमें एक स्टेशन मैनेजर, छह कॉमर्शियल क्लर्क, चार टिकट चेकर, चार लगेज पोर्टर, चार सफाई कर्मचारी और तीन आरपीएफ महिला जवान शामिल थीं. अजनी में सभी महिला कर्मचारियों की नियुक्ति एक साहसिक कदम था. क्योंकि यहां से 26 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती हैं. इनमें से कुछ ट्रेनें अजनी से ही संचालित होती हैं. यह एक ‘डी’ श्रेणी का स्टेशन है. इसमें प्रतिदिन लगभग 7000 यात्री आते हैं.
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दूरी नहीं, अहम है यात्रा का दिलचस्प अनुभव
हालांकि नागपुर और अजनी के बीच यात्रा बहुत कम समय की है, लेकिन यह भारतीय रेलवे के इतिहास में एक विशेष स्थान रखती है. रेल यात्रा के शौकीनों और जिज्ञासु यात्रियों के लिए देश के सबसे छोटे रेल मार्ग पर यात्रा करना एक दिलचस्प अनुभव हो सकता है. यह यात्रा की लंबाई के बारे में नहीं है, बल्कि इसकी नॉवेल्टी यानी नूतनता के बारे में है.
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FIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 19:39 IST