2023-24 में एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश 28 फीसदी बढ़ा. 2022-23 में एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश 1.56 लाख करोड़ था. 2021-22 में 1.24 लाख करोड़ रुपये और 2020-2021 में 96,080 करोड़ था.
नई दिल्ली. सुरक्षित और शानदार रिटर्न की वजह से Systematic Investment Plan (SIP) में निवेश लगातार बढ़ता जा रहा है. आर्थिक परिदृश्य बेहतर होने और बाजार हिस्सेदारी बढ़ने की वजह से वित्त वर्ष 2023-24 में एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश सालाना आधार पर 28 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड दो लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. वित्त वर्ष 2022-23 में एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश 1.56 लाख करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2021-22 में 1.24 लाख करोड़ रुपये और 2020-2021 में 96,080 करोड़ रुपये रहा था.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले सात वर्षों में एसआईपी से म्यूचुअल फंड योगदान में चार गुना से अधिक की वृद्धि देखी गई है. वित्त वर्ष 2016-17 में यह राशि 43,921 करोड़ रुपये थी. मार्च के महीने में एसआईपी के जरिये फंड निवेश 35 प्रतिशत की उच्च वृद्धि के साथ 19,270 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया. मार्च, 2023 में यह आंकड़ा 14,276 करोड़ रुपये था.
2 महीने में आए 19 हजार करोड़
इस साल फरवरी और मार्च के लगातार दो महीनों में एसआईपी अंशदान 19,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा है. यह निवेशकों के बीच अधिक अनुशासित निवेश रणनीति की ओर रुझान को दर्शाता है. क्वांटस रिसर्च के स्मॉलकेस मैनेजर और संस्थापक कार्तिक जोनागदला ने कहा, ‘पिछले साल मजबूत प्रदर्शन से प्रेरित होकर निवेशकों ने इक्विटी को अधिक अहमियत दी. इससे पता चलता है कि निवेशक नियमित तौर पर पोर्टफोलियो मूल्यांकन और उसके हिसाब से बदलाव कर रहे हैं.’
खुदरा निवेशक बने गेम चेंजर
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि खुदरा निवेशकों की बढ़ती बाजार भागीदारी के साथ एक उत्साही आर्थिक दृष्टिकोण ने भी एसआईपी प्रवाह बढ़ाने में मदद की. म्यूचुअल फंड में निवेशकों का विश्वास जारी है. यह मार्च, 2024 में एसआईपी खातों की संख्या 8.4 करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से भी दिखाई देता है. मार्च में एसआईपी से प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियां (AUM) भी बढ़कर 10.71 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
क्या है एसआईपी
एसआईपी एक तरह का रिकरिंग डिपॉजिट स्कीम है, जो शेयर बाजार सहित अन्य विकल्पों में पैसे लगाता है. एसआईपी में खाता खोलने वाला निवेशक हर महीने एक निश्चित रकम खाते में डालता है, जिसे फंड हाउस तमाम विकल्पों में निवेश कर तगड़ा रिटर्न कमाते हैं. इससे निवेशक पर बोझ भी नहीं पड़ता और उसका पैसा भी तेजी से बढ़ता है. एसआईपी की कुछ स्कीमों पर टैक्स छूट का फायदा भी मिलता है.
Tags: Investment and return, Mutual fund, Share market
FIRST PUBLISHED : April 12, 2024, 04:42 IST