विजय केडिया वर्तमान में भारतीय शेयर बाजार के सबसे सफल निवेशकों में से एक हैं. जब भी हम शेयर बाजार के दिग्गज निवेशकों की बात करते हैं, विजय केडिया का नाम बड़े गर्व से लिया जाता है. उनकी कुल संपत्ति लगभग ₹1,200 करोड़ रुपये के आसपास है. यह उनकी स्मार्ट निवेश रणनीतियों और धैर्य का नतीजा है, जिसने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है. उनके धैर्य ने उन्हें ऐसे रिटर्न कमाने में मदद की, जिनके बारे में सोचकर ही हैरानी होती है. ऐसा नहीं है कि उनके निवेश के सफर में कभी उतार-चढ़ाव नहीं आए. एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्होंने जिन शेयरों में पैसा लगाया, वे उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. फिर भी वे एक सफल निवेशक हैं.
विजय केडिया ने एक इंटरव्यू में बताया था कि 2004 से 2006 के बीच उन्होंने तीन प्रमुख कंपनियों में निवेश किया: सेरा सेनिटरीवेयर, एजिस लॉजिस्टिक्स, और अतुल ऑटो. उन्होंने इन तीनों शेयरों में अपने पास उपलब्ध सारा पैसा लगा दिया. शुरू में तो सब ठीक रहा और 2007 तक उनके निवेश ने दोगुने-तिगुने रिटर्न दिखाना शुरू कर दिया था. लेकिन 2008 में वैश्विक आर्थिक मंदी (Global Financial Crisis) आ गई, जिसे लेहमैन ब्रदर्स संकट (Lehman Brothers Crisis) के नाम से जाना जाता है.
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यह मंदी इतनी गंभीर थी कि विजय केडिया के शेयरों की कीमतें गिरकर उनकी खरीद मूल्य तक पहुंच गईं. उनकी जो मुनाफा दिख रहा था, वह पूरी तरह साफ हो गया. अतुल ऑटो तो उनकी लागत से भी नीचे चला गया था, लेकिन उन्होंने घबराहट में आकर अपने शेयर नहीं बेचे. उन्होंने अपनी पोजीशन बनाए रखी और धैर्य के साथ बाजार की स्थिरता का इंतजार किया.
विजय केडिया ने सेरा सेनिटरीवेयर और अतुल ऑटो में निवेश बनाए रखा, भले ही उनके शेयर कुछ समय के लिए नीचे चले गए थे. धैर्य का फल मिला. अतुल ऑटो का शेयर 100 गुना बढ़ गया, और सेरा सेनिटरीवेयर ने तो 16,000 प्रतिशत का जबरदस्त रिटर्न दिया. यह न केवल उनके लिए बल्कि भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में भी एक यादगार किस्सा बन गया.
सेरा सेनिटरीवेयर के इस अद्भुत प्रदर्शन ने साबित कर दिया कि अगर आप सही कंपनी में निवेश करते हैं और धैर्य बनाए रखते हैं, तो लंबी अवधि में आपको बेमिसाल रिटर्न मिल सकते हैं.
तीनों स्टॉक्स की प्राइस हिस्ट्री और ताजा भाव
सेरा सेनिटरीवेयर: (8,095.15 रुपये)
– 1 साल में रिटर्न: लगभग 50%
– 5 साल में रिटर्न: लगभग 200%
– 10 साल में रिटर्न: 1000% से अधिक
अतुल ऑटो: (699.90 रुपये)
– 1 साल में रिटर्न: 20-30%
– 5 साल में रिटर्न: 150%
– 10 साल में रिटर्न: 500% से अधिक
एजिस लॉजिस्टिक्स: (764.50 रुपये)
– 1 साल में रिटर्न: लगभग 25%
– 5 साल में रिटर्न: 180%
– 10 साल में रिटर्न: 700% से अधिक
लंबी अवधि के निवेश का महत्व
विजय केडिया की कहानी यह सिखाती है कि बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद अगर आप लंबी अवधि के लिए अच्छे स्टॉक्स में निवेश करते हैं और धैर्य बनाए रखते हैं, तो आपको भारी मुनाफा हो सकता है. बाजार में अस्थिरता हमेशा रहती है, लेकिन ऐसे समय में डरकर अपने शेयर बेचने की बजाय उन्हें पकड़े रखना ही सही निवेश रणनीति हो सकती है.
हालांकि, लंबी अवधि के निवेश में सबसे बड़ी चुनौती निवेशकों की मानसिकता होती है. जब शेयर बाजार गिरता है, तो लोग घबराकर अपने शेयर बेच देते हैं. लेकिन जिन निवेशकों में धैर्य होता है और जो लंबी अवधि का नजरिया रखते हैं, वे अक्सर सबसे बड़े विजेता बनते हैं.
2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी क्या थी?
2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी को इतिहास की सबसे बड़ी आर्थिक संकटों में से एक माना जाता है. यह संकट उस समय शुरू हुआ जब अमेरिका में लेहमैन ब्रदर्स नामक एक प्रमुख निवेश बैंक दिवालिया हो गया. इस घटना ने पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में भारी गिरावट पैदा कर दी. बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों पर इसका इतना गहरा असर हुआ कि कई बड़ी कंपनियां भी बंद हो गईं. इस संकट का असर न केवल अमेरिका बल्कि भारत और अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर भी पड़ा, और इसने निवेशकों का भरोसा डगमगा दिया.
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FIRST PUBLISHED : October 2, 2024, 12:37 IST