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स्‍टील मॉड्यूलर की इस मल्टी लेवल पजल पार्किंग में लगेंगे महज 150 सैकेंड! जानिए कहां पर बनी है ये और क्या हैं विशेषताएं?


इस पार्किंग में 264 कार पार्क हो सकेंगी. इस पार्किंग की खास विशेषता यह है कि आमतौर पर गाड़ी निकालने में 15 मिनट का वक्त लगता है. लेकिन यहां पर महज 150 सेकंड में गाड़ी पार्किंग से बाहर निकल जाएगी. कुल 27 करोड़ 18 लाख की लागत से बनी यह पजल पार्किंग पूरी तरीके से इस्पात के मॉड्यूल से तैयार की गई है.

नवनिर्मित पार्किंग का उद्घाटन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, सांसद मीनाक्षी लेखी और दक्षिणी निगम की मेयर अनामिका ने किया.

आदेश गुप्ता ने कहा कि दक्षिणी निगम विभिन्न स्थानों पर और स्वचालित पार्किंग निर्माण के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. ये पार्किंग उन स्थानों पर बनाई जा रही है जहां लोगों को ऐसी सुविधा की बहुत आवश्यकता थी. उन्होंने कहा कि दक्षिणी निगम बेहद वित्तीय कठिनाइयों के बावजूद लगातार नई उपलब्धियां अर्जित कर रहा है. उन्होंने कहा कि आधुनिक उन्नत स्वचालित पार्किंग तथा अन्य उत्तम सुविधाएं विकसित करने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के सपनों का नया भारत बन रहा है.

इन जगहों पर बन रही है नई पार्किंग, जल्द होगी शुरू

मेयर अनामिका ने कहा कि दक्षिणी निगम सभी जोन में पार्किंग व्यवस्था सुदृढ़ करने का कार्य कर रहा है. ग्रीन पार्क में 136 कारो की टॉवर कार पार्किंग कार्यात्मक है. अधचिनी गांव में 56 कारों के लिए स्वचालित कार पार्किग अगले महीने जनता को समर्पित कर दी जाएगी. निजामुद्दीन बस्ती में 86 कारों के लिए स्वचालित कार पार्किंग का कार्य बहुत जल्द शुरू होने जा रहा है. इसके अतिरिक्त दक्षिणी निगम 399 कारों के लिए एम ब्लॉक मार्किट जी.के. 1 और 210 कारों के लिए एम-ब्लॉक मार्किट जी. के.2 में नई पार्किंग बनाने जा रहा हैै.

नयी पार्किंग में न तो प्रदूषण होगा और न ही ईंधन की कोई खपत 

आयुक्त ज्ञानेश भारती (Gyanesh Bharti) ने बताया की इस पजल पार्किंग को 978 वर्ग मीटर क्षेत्र पर 27.18 करोड़ रु की लागत से बनाया गया है और इसमें 246 कार पार्क की जा सकती है. नयी पार्किंग से कार निकालने का समय महज 150 सेकंड हैं जबकि पारंपरिक पार्किंग में 15 मिनट का समय लगता है.

इस पार्किंग की प्रचालन, रखरखाव लागत केवल एक पायलट होने के कारण पारंपरिक पार्किंग से कम रहेगी. नयी पार्किंग में न तो प्रदूषण होगा और न ही ईंधन की कोई खपत होगी. पारंपरिक पार्किंग में रैंप पर से कार ले जाने से प्रदूषण होता है और ईंधन भी लगता है.

लिफ्ट से ही होगी कार की पार्किंग

इसके अलावा पजल पार्किंग में कार पार्क करना पारंपरिक पार्किंग के मुकाबले आसान और सुविधाजनक होगा. यह पार्किंग वर्टिकल है और स्टील से बनी है. उन्होंने बताया कि इस पजल पार्किंग का पूर्ण इस्पात से बना माड्युलर डिजाइन का चमकता ढांचा है. प्रदूषण रहित, तेजी से कम समय में कार पार्क की जा सकेगी और वापस ली जा सकेगी. व्यापक अग्नि सुरक्षा के इंतजाम हैं. पंप रूम के साथ 1.50 लाख लीटर क्षमता का भूमिगत पानी का टैंक प्रदान किया गया है. वहीं, लिफ्ट से कार ले जा कर पार्क की जायेगी और निकाली भी जायेगी.

इस अवसर पर उप महापौर सुभाष भड़ाना, स्थायी समिति के अध्यक्ष राजदत गहलोत, सदन के नेता नरेन्द्र चावला, आयुक्त ज्ञानेश भारती, मध्य जोन की अध्यक्षा पूनम भाटी, अतिरिक्त आयुक्त रणधीर सहाय, उपायुक्त मध्य जोन अवनीश कुमार और निगम के अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे.



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