नई दिल्ली. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शहर के सभी शहरी निकायों को आदेश दिया है कि वे सितंबर के अंत तक निजी वाहनों के पार्किंग शुल्क की समीक्षा करें और उन्हें तर्कसंगत बनाएं. दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने और सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए आयोग ने यह आदेश दिया है. अगर आयोग का यह आदेश लागू होता है तो अक्टूबर से राष्ट्रीय राजधानी में पार्किंग शुल्क में वृद्धि हो जाएगी. वहीं, सीएक्यूएम का मानना है कि इस कदम से शहर में पार्किंग फीस में एकसमानता आएगी.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा दिए गए आदेश से पीक आवर्स और क्षेत्र में भीड़भाड़ के हिसाब से पार्किंग शुल्कों में बढ़ोतरी होगी. इससे लोग निजी वाहन कम से कम इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित होंगे और सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करेंगे. यह पहली बार नहीं है जब सीएक्यूएम ने पार्किंग शुल्क बढ़ाने का आदेश दिया है. अप्रैल में भी सीएक्यूएम ने ऐसा ही आदेश दिया था.
क्यों उठाया गया यह कदम?
दिल्ली में निजी वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इन वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण की वजह से शहर का प्रदूषण स्तर बढ़ रहा है. साथ ही, इन वाहनों की वजह से सड़कों पर जाम की समस्या भी बढ़ रही है. सीएक्यूएम का मानना है कि पार्किंग के शुल्क बढ़ाने से लोग निजी वाहन कम इस्तेमाल करेंगे और सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करेंगे. इससे प्रदूषण कम होगा और सड़कों पर जाम की समस्या भी कम होगी.
क्या पार्किंग फीस बढ़ाने से कम होगा प्रदूषण
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छ परिवहन परिषद (ICCT) के प्रबंध निदेशक (भारत) अमित भट्ट का कहना है कि केवल पार्किंग शुल्क बढ़ाने से काम नहीं चलेगा, क्योंकि दिल्ली को भी पार्किंग क्षेत्र प्रबंधन योजनाओं की आवश्यकता है. साथ ही, उन्होंने कहा कि स्वच्छ विकल्पों के लिए प्रोत्साहन की आवश्यकता थी. उन्होंने कहा, “हमें या तो जीरो-उत्सर्जन वाहनों के लिए शुल्क कम करना होगा या उनके लिए पार्किंग मुफ्त करनी होगी. इससे स्वच्छ ईंधन की ओर भी बदलाव को प्रोत्साहित किया जाता है.”
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FIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 11:27 IST