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Detail Review: ‘द लॉस्ट सिटी’ में इतनी बेतुकी है कि हंसी आ जाती है – read the detail review of film the lost city in hindi entdtr entpks


Detail Review: बकवास फिल्में भी बिना सोचे समझे मूर्खता की उस सीमा पर पहुंच जाती हैं जहां हंसी आ ही जाती है. ये हंसी फिल्म देख कर आ रही है या अपने आप पर, ये सोचना आपका काम है. अंग्रेजी फिल्म “द लॉस्ट सिटी” जो हाल ही में अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज़ की गयी है, उसके साथ तो कम से कम ऐसा ही होता है. बेतुकी कहानी, बेतुका स्क्रीनप्ले, बेतुके डायलॉग और निहायत ही कच्चा अभिनय मिलकर फिल्म को इतना बकवास बना देते हैं कि आप फिल्म देखते देखते सोचते हैं कि ये फिल्म क्यों देख रहे हैं लेकिन फिर भी देखते जाते हैं और आखिर में हंस पड़ते हैं क्योंकि आप अंत तक समझ नहीं पाते कि आप ये फिल्म देख क्यों रहे हैं.

फिल्म की शुरुआत होती है रोमांस और एडवेंचर मिलाकर उपन्यास लिखने वाली डॉक्टर लोरेटा सेज (सांद्र बुलक) के नए उपन्यास के प्रमोशन से. उपन्यास की हीरोइन एंजेला लवमोर और उनके प्यार डैश मैकमोहन के एडवेंचर की कहानियों पर लोरेटा पहले भी कई उपन्यास लिख चुकी हैं. लोरेटा की मैनेजर, एजेंट और पब्लिशर बेन हैटन (डेविन जॉय रैन्डोल्फ), प्रमोशन के लिए डैश को भी बुलाती है जो कि दरअसल एक मंदबुद्धि मॉडल है एलन केप्रिसन (चैनिंग टैटम). लोरेटा और डैश एक दूसरे को सिर्फ उपन्यास की वजह से बर्दाश्त करते हैं. उपन्यास एक पुराने और खोये हुए शहर की खोज के बारे में है इसलिए एक रईस एबीगेल फेयरफैक्स (डेनियल रेडक्लिफ) अपने लोगों की मदद से लोरेटा को अगवा कर लेता है और उसे अटलांटिक आइलैंड ले जा कर, एक खोये हुए शहर की तलाश करने को कहता है.

लोरेटा को बचाने डैश, अपने एक गुरु और पूर्व नेवी सील कमांडो जैक ट्रेनर (ब्रैड पिट) की मदद से, उस आइलैंड तक पहुंच जाता है. लोरेटा को छुड़ाने के चक्कर में जैक मारा जाता है और लोरेटा फिर से मंदबुद्धि डैश यानि एलन पर निर्भर हो जाती है. इसके बाद शुरू होता है एबीगेल और उसके गुंडों द्वारा लोरेटो-डैश का पीछा और वो दोनों एबीगेल द्वारा दिए गए नक़्शे की मदद से उस खोये हुए शहर को तलाश कर के अपनी जान बचाना चाहते हैं. कई सारे चेस सीक्वेंस, मार पीट, गोली बारी और एक्शन के बाद लोरेटो-डैश असली खजाने तक पहुंचते हैं जो कि सोना-चांदी के आभूषण न हो कर उस खोये हुए शहर के राजा-रानी की अमर प्रेम कहानी के प्रतीक समुद्र की सीपियों के बने होते हैं. क्लाइमेक्स आते आते, एबीगेल को लोरेटो की पब्लिशर पुलिस के हवाले करवा देती है और लोरेटो एवं डैश एक दूसरे से अपने प्रेम का इज़हार कर देते हैं. कहानी ख़त्म. एन्ड क्रेडिट में जैक को ज़िंदा दिखाया जाता है.

कहानी निहायत ही बकवास है. ढेरों टीवी सीरीज और चंद फिल्मों के निर्माता निर्देशक सेठ गॉर्डन ने इस कहानी पर करीब 8-9 साल पहले काम करना शुरू किया था. सैंड्रा ने इस फिल्म पर काम करने से मना भी कर दिया था लेकिन सेठ ने उन्हें फिल्म साथ में प्रोड्यूस करने के मना लिया. पटकथा और डायलॉग के लिए निर्देशक द्वय एडम और एरन नील ने अपने साथ ओरेन यूज़िएल (मोर्टल कॉम्बैट सीरीज के लेखक) और डैना फॉक्स (द वेडिंग डेट, व्हाट हैप्पंस इन वेगास की लेखिका) को भी शामिल किया। इन सबके बावजूद फिल्म की कहानी और पटकथा के स्तर में कोई खास अंतर नहीं आया. पूरी फिल्म काफी मूर्खतापूर्ण दृश्यों से भरी हुई है. इसके बावजूद भी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया और डिस्ट्रिब्यूटर पैरामाउंट पिक्चर्स को काफी फायदा हुआ. न तो पिनार टोपराक का संगीत ऐसा था जो कि याद रहे. एक्शन एडवेंचर के दृश्य कई पुरानी फिल्मों की तरह ही थे जैसे इंडियाना जोंस और इसलिए संगीत में एक थीम की कमी बड़ी खली. म्यूजिक वीडियो और कुछ एक्शन फिल्मों के सिनेमेटोग्राफर जोनाथन सेला का कैमरा वर्क भी साधारण ही था. किसी दृश्य में भी भव्यता देखने को नहीं मिली. बोरात जैसी कॉमेडी फिल्म के एडिटर क्रैग एलपर्ट की एडिटिंग भी प्रभावहीन थी. कई जगह सीन्स बड़ी ही अजीव तरीके से कट किये गए हैं जिस वजह से देखने वालों को कहानी से कोई लगाव महसूस ही नहीं हुआ.

सैंड्रा बुलक ने ये फिल्म क्यों की, ये प्रश्न सभी के मन में आया ही होगा. अभिनय तक तो ठीक था ये फिल्म उन्होंने प्रोड्यूस भी की. मिस कंजीनियलिटी जैसी कॉमेडी और स्पीड जैसी एक्शन फिल्मों के अलावा भी सैंड्रा ने कई भावप्रधान फिल्में की हैं. उनकी फिल्मों की विशेषता फिल्म की कहानी और पटकथा होते थे, लेकिन द लॉस्ट सिटी में दोनों का अभाव खला और इसके बावजूद सैंड्रा ने इसमें अभिनय किया, ये समझ नहीं आया. हालांकि, सैंड्रा बुलक को फिल्म प्रोड्यूस करने से बहुत कमाई हुई है. चैनिंग का अभिनय सबसे अच्छा है. वो जैसे दिखते हैं वैसा ही उनका रोल भी है. फिल्म में वो हमेशा बेवकूफों वाली या मंदबुद्धि व्यक्ति वाले बातें करते हैं और उनका चेहरा इस बात की तस्दीक भी कर देता है. हैरी पॉटर यानि डेनियल रेडक्लिफ के सामने हैरी पॉटर की इमेज ख़त्म करने का बहुत बड़ा काम खड़ा है इसलिए वे पिछले कुछ समय से नेगेटिव भूमिकाएं कर रहे हैं. इस कॉमेडी में उनका रोल किसी मंदबुद्धि जैसा ज़्यादा लगा. बाकी किरदार अपनी जगह ठीक थे.

द लॉस्ट सिटी एक अच्छी फिल्म बन सकती थी. खजाने की खोज पर हॉलीवुड ने कई लाजवाब फिल्मों है जो सफल भी रही हैं. ये फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर तो सफल है लेकिन बतौर फिल्म एकदम कच्ची लगती है. इसे देखते समय और देखने के बाद एक ही ख्याल आता है, ये फिल्म आखिर देखी ही क्यों.

डिटेल्ड रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :

पिनार टोपराक/5

Tags: Film review



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