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IAS पूजा ने प्राइवेट मर्सिडीज में लगवाई लाल बत्ती, यूज किया सरकार का नाम, जानिए नियम अनुसार कितना लगेगा जुर्माना


नई दिल्ली. ट्रेनी IAS अफसर पूजा खेडकर इन दिनों चर्चा में हैं. उनपर गलत मेडिकल रिपोर्ट देकर IAS के एग्जाम में पास करने का आरोप लगा है. इसी बीच उनकी प्राइवेट ऑडी कार भी सुर्ख़ियों में आ गई है जिसपर पुलिस की लाल-नीली बत्ती के साथ महाराष्ट्र सरकार का नाम भी लिखा हुआ है. दिलचस्प बात ये है कि उनकी कार पर 21 बार ट्रैफिक नियमों को तोड़ने के अपराध में 27 हजार 400 रुपये का जुर्माना लगाया गया था.

हालांकि, इस जुर्माने को अब कार मालिक ने भर दिया है, लेकिन अब सवाल ये उठता है कि क्या सरकारी अधिकारी अपने प्राइवेट वाहनों में अपने पद या सरकार का नाम लिखवा सकते हैं या ऐसा करना गैरकानूनी है? कई आम वाहन चालक भी अपनी गाड़ी में जाति और कई तरह के भड़काऊ स्लोगन के साथ पकडे जाते हैं. तो चलिए जानते हैं कि क्या सरकारी कर्मचारियों को क्या अपनी प्राइवेट गाड़ी में लाल बत्ती का इस्तेमाल करने की छूट है?

सरकारी कर्मचारियों के लिए क्या हैं नियम?
अगर सीधे तौर पर कहें तो नहीं. सरकारी कर्मचारी अपने प्राइवेट वाहनों में अपने पद, ऑफिस या सरकार से जुड़े किसी भी तरह के संकेत का इस्तेमाल नहीं कर सकते. सरकारी कर्मचारियों को अपने प्राइवेट वाहनों पर लाल बत्ती, साईरन या हूटर का इस्तेमाल करने की भी मनाही है. ट्रेनी IAS पूजा की बात करें तो उनकी प्राइवेट मर्सिडीज कार में महाराष्ट्र सरकार के नाम के साथ लाल-नीली बत्ती वाला पुलिस को लाइट भी लगा हुआ था. नियम यह भी है कि सरकारी कार्य में लगे वाहनों का इस्तेमाल अधिकारी अपने निजी कार्य के लिए नहीं कर सकते.

लाल बत्ती इस्तेमाल करने पर कितना लगेगा फाइन?
मोटर वाहन अधिनियम 1989 की धारा 177 के तहत निजी वाहन पर पुलिस की लाल बत्ती और नंबर प्लेट लगवाना अपराध है. नाम पट्टी के अलावा सरकार की मुहर, चिन्ह का नियम विरुद्ध प्रयोग किया जा सकता है. इससे प्रशासनिक अव्यवस्था और दुरुपयोग की संभावना रहती है. ऐसा करने पर पुलिस 1,000 रुपये का चालान काट सकती है. वहीं दूसरी बार उल्लंघन करते पाए जाने पर 1,500 रुपये का चालान किया जा सकता है. अगर इससे ज्यादा बार उल्लंघन करते पाए जाने पर ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.

सरकारी वाहनों के लिए यह भी है नियम
अगर किसी सरकारी वाहन पर नीली बत्ती लगी है और उसमें उच्च पदस्थ व्यक्ति नहीं है तो उसे काले कपड़े से ढंक कर रखने का नियम है. आदेश में स्पष्ट है कि दोषी के खिलाफ केंद्रीय मोटरवाहन नियमावली 1989 के प्रावधानों के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

Tags: Auto News, Car Bike News



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