रोहतास : रोहतास जिले के बद्दी के रहने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के उभरते हुए तेज गेंदबाज आकाशदीप ने अपने मेहनत और लगन से क्रिकेट जगत में खास पहचान बनाई है, लेकिन उनके इस सफल सफर के पीछे एक ऐसी शख्सियत का भी बड़ा हाथ है, जिसने उन्हें हर कदम पर सहारा दिया और प्रोत्साहित किया, वह हैं उनकी मां.
आकाशदीप के क्रिकेट करियर की शुरूआत उनके गांव बद्दी से ही हुई. उनकी मां गृहणी हैं. पिता एक स्कूल में हेडमास्टर थे, उनकी मृत्यु फरवरी 2015 में हो गई थी. आकाश दीप ने अपने गांव से ही क्रिकेट खेलने की शुरुआत की, जहां संसाधनों की कमी थी, लेकिन हौसले बुलंद थे. क्रिकेट के प्रति उनका जुनून बचपन से ही था और उनकी मां ने इस जुनून को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के बावजूद, उनकी मां ने हर संभव प्रयास किया. ताकि आकाशदीप की ट्रेनिंग में कोई कमी न आए. उन्होंने कई बार खुद को कठिन परिस्थितियों में रखा, लेकिन अपने बेटे के सपनों को कभी टूटने नहीं दिया.
आकाशदीप की मां ने न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सपोर्ट किया, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी हर कदम पर साथ दिया. जब आकाशदीप अपने करियर के शुरुआती दिनों में संघर्ष का सामना कर रहे थे तो उनकी मां ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए हिम्मत दी और प्रेरित किया. आकाशदीप ने कई बार इंटरव्यू में कहा है कि उनकी मां उनके जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा हैं. उनकी मां ने यह सुनिश्चित किया कि उनका बेटा अपनी ट्रेनिंग और फिटनेस पर ध्यान केंद्रित कर सके, भले ही इसके लिए उन्हें कितनी ही मुश्किलों का सामना करना पड़े.
आज, जब आकाशदीप भारतीय क्रिकेट टीम के लिए शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं, तो इसके पीछे उनकी मां के अटूट समर्पण की कहानी छिपी है. उनके द्वारा बांग्लादेश के खिलाफ हाल ही में किए गए प्रदर्शन से यह साबित होता है कि एक मां के सपने और समर्पण से कोई भी ऊंचाई हासिल की जा सकती है. आकाशदीप ने बांग्लादेश के खिलाफ चल रहे पहले टेस्ट मैच में 17 रन का योगदान दिया. वहीं गेंदबाज़ी में एक ही ओवर में दो विकेट लेकर बांग्लादेश को बैकफ़ुट पर धकेल दिया है.
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FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 19:42 IST