नई दिल्ली. बाजार नियामक सेबी के बोर्ड ने 17 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी है. इनमें इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों में संशोधन कर ‘कनेक्टेड पर्सन’ और ‘तत्काल संबंधी’ की परिभाषा को स्पष्ट और विस्तारित किया गया है. इसके साथ ही, निवेश सलाहकारों और शोध विश्लेषकों के लिए पात्रता मानदंडों और अनुपालन प्रक्रियाओं में भी ढील दी गई है. इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए अब ‘रिश्तेदार’ का दायरा भी बढ़ा दिया गया है. अब रिश्तेदार में संबंधित व्यक्ति के पति/पत्नी, माता-पिता (ससुराल वालों सहित), भाई-बहन (और उनके पति/पत्नी) तथा बच्चे (और उनके पति/पत्नी) शामिल किए गए हैं.
सरल शब्दों में कहें तो अब अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ इनसाइडर ट्रेडिंग की जांच हो रही है, तो उसके जुड़े हुए अन्य लोगों (‘कनेक्टेड पर्सन’ और ‘रिश्तेदार’) को भी जांच में शामिल किया जा सकता है. इस फैसले से उन लोगों की पहचान करना आसान हो जाएगा, जिनके पास अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील जानकारी (Unpublished Price Sensitive Information) हो सकती है. अभी तक इसके अंतर्गत केवल जीवनसाथी, माता-पिता जैसे इमीडिएट रिलेटिव ही आते हैं.
क्या होती है इनसाइडर ट्रेडिंग
इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) किसी कंपनी के शेयर में किसी व्यक्ति द्वारा जिसके पास किसी भी तरीके से उस स्टॉक के बारे में ऐसी जानकारी है जो उसके शेयर पर असर डाल सकती है. ऐसे वह शख्स पहले से शेयर खरीद लेता है और खबर आने पर बेच देता है. जिससे आम निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ता है.
इन प्रस्तावों को भी दिखाई हरी झंडी
बाजार नियामक सेबी (Sebi) के निदेशक मंडल ने उच्च जोखिम वाले निवेशकों के लिए एक नयी परिसंपत्ति श्रेणी शुरू करने के प्रस्ताव पर सोमवार को मुहर लगा दी.नयी परिसंपत्ति की इस श्रेणी में प्रति निवेशक न्यूनतम 10 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है. नया निवेश विकल्प आने से परिसंपत्ति निर्माण में लचीलापन लाया जा सकेगा और म्यूचुअल फंड एवं पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) के बीच की खाई को पाटने में मदद मिलेगी.
सेबी के निदेशक मंडल ने ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) जैसे सूचकांकों पर नजर रखने से जुड़ी म्यूचुअल फंड योजनाओं (पैसेविली म्यूचअल फंड) के लिए नियामक ढांचे को ढील देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. इससे अनुपालन जरूरतों को कम करने में मदद मिलेगी. सेबी ने प्रस्ताव दस्तावेज में खुलासा संबंधी प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाया है और इसे धन जुटाने का पसंदीदा मार्ग बनाने के लिए राइट इश्यू प्रसंस्करण समय को कम कर दिया है.
बाजार नियामक ने प्रवर्तकों को राइट इश्यू के दौरान चुनिंदा निवेशकों को अपने राइट इश्यू से जुड़े अधिकार हस्तांतरित करने की अनुमति देने वाले प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी. इससे बाजार में अधिक निवेश आकर्षित होने का अनुमान है.
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FIRST PUBLISHED : October 1, 2024, 17:57 IST