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Mithun Chakraborty: आधी फिल्में फ्लॉप रहीं, फिर भी नहीं हुई काम की कमी, गली-मोहल्ले वालों के बने रहे हीरो


मिथुन चक्रवर्ती ने भले ही 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया हो, लेकिन उनके अभिनय और किरदार को फॉलो करने वालों की संख्या बहुत बड़ी है. 1980 के दशक तक एक पूरी पीढ़ी मिथुन की अदाओं की दीवानी थी. कम से कम हिंदी भाषी इलाकों में तो युवा उन्हें डिस्को डांस का प्रतीक मानकर उनकी नकल करते रहे. ऐसा नहीं है कि मिथुन ने गंभीर भूमिकाएं नहीं कीं, लेकिन मिथुन को पसंद करने वाले उनकी एक्शन और उछल-कूद के साथ तरह-तरह के डिस्को डांस वाली छवि के दीवाने थे. उनकी फिल्म ‘डिस्को डांसर’ पहली ऐसी फिल्म है, जिसने बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ रुपये कमाए. बाद में 1986 में एक वक्त ऐसा आया, जब वे सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले एक्टर के तौर पर मशहूर हो गए.

मिथुन चक्रवर्ती 1976 में फिल्मों में आए और ये वो दौर था जब बॉलीवुड में कई सफल एक्टर्स थे. फिर भी मिथुन ने अपनी एक्टिंग और स्टाइल से अपने लिए एक ऐसी जगह बनाई, जहां वो अकेले खड़े होने लगे. ये वो दौर था जब राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, धर्मेंद्र, शत्रुघ्न सिन्हा जैसे दिग्गजों का नाम पहले से ही चलन में था, पुराने दौर के दिग्गज एक्टर्स ने संन्यास नहीं लिया था. उनकी एक्टिंग की हमेशा मिसाल दी जाती थी, दिलीप कुमार, मनोज कुमार जैसे बड़े एक्टर्स की फिल्में भी रिलीज होती थीं.

गली-मोहल्ले वालों के हीरो
हालांकि, ऐसा नहीं था कि मिथुन की सभी फिल्में सफल रहीं. उनकी 150 से ज्यादा फिल्में फ्लॉप रहीं, फिर भी मिथुन के पास काम की कभी कमी नहीं रही. उन्होंने 50 से ज्यादा बंगाली फिल्मों में भी काम किया. जाहिर है, बंगाली फिल्मों में उन्हें एक अलग छवि पेश करनी थी. फिर भी, उन्होंने हिंदी फिल्मों में रोमांस और अधिकारों के लिए लड़ने वाली अपनी छवि को बनाए रखा. ज्यादातर फिल्मों में मिथुन ने एक साधारण युवक की भूमिका निभाई, जिसे दुनिया की तमाम बाधाओं का सामना करके जीना पड़ता है. शायद गरीबी से गुजर रहे आम दर्शकों के बीच उनकी लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण यही था.

आखिर आम आदमी को भी अपने जीवन में कई संघर्षों से गुजरना पड़ता है. आम आदमी सफल हो या न हो, वह सिनेमा में अपने जैसे किरदार को हर मुश्किल को पार करते हुए और सफलता तक पहुंचते हुए देखना पसंद करता है. यही वजह थी कि मिथुन चक्रवर्ती उस दौर में कई आम लोगों के लिए रोल मॉडल बन गए. लोगों ने उनके जैसे कपड़े पहनना और बाल बनाना भी शुरू कर दिया. हालांकि, एक समय ऐसा भी आया जब लोग अमिताभ बच्चन और मिथुन चक्रवर्ती दोनों की हेयर स्टाइल की नकल करते थे, लेकिन दिहाड़ी मजदूरों ने उस दौर में भी मिथुन चक्रवर्ती का स्टाइल चुना.

बड़े अभिनेताओं के दौर में भी कायम रखी जगह
अमिताभ बच्चन ने भी कई ऐसे किरदार निभाए जो संघर्ष करने के बाद सफल होते हैं, लेकिन मिथुन के किरदार के जरिए एक आम कामकाजी आदमी के सपने आकार लेते रहे. अग्निपथ और गंगा जमुना सरस्वती जैसी कुछ फिल्मों में दोनों ने साथ काम किया, लेकिन किरदार के तौर पर मिथुन कहीं से भी अमिताभ से कमतर नहीं रहे. दोनों फिल्मों को सफल फिल्म नहीं कहा जा सकता, लेकिन अग्निपथ में दर्शकों ने मिथुन के किरदार को सराहा, भले ही वो सहायक भूमिका में ही क्यों न हो. उस साल अमिताभ बच्चन ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का खिताब जीता और मिथुन ने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीता.

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संजीदा रोल भी निभाए
मिथुन ने कुछ फिल्मों में गंभीर भूमिकाएं भी निभाईं. इनमें प्यार झुकता नहीं भी शामिल है. इसमें एक अलग मिथुन चक्रवर्ती नजर आए. फिर उन्होंने कई रोमांटिक और गंभीर फिल्में कीं. आखिर में जब मिथुन द कश्मीर फाइल्स में नजर आए तो इस फिल्म ने 2022 में फिर से उनके नाम रिकॉर्ड बनाया. द कश्मीर फाइल्स ने 300 करोड़ से ज्यादा की कमाई की. इतना ही नहीं बड़े पर्दे के इस एक्टर ने टेलीविजन पर भी अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई. कई टीवी शो में उनकी मौजूदगी ने दर्शकों का प्यार और सराहना बटोरी.

Tags: Dadasaheb phalke award, Mithun Chakraborty



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