नई दिल्ली. भारतीय मोबाइल रिटेलर्स ने चीनी ब्रांड्स iQoo, Poco और OnePlus पर देश में काम करने पर रोक लगाने की मांग की है. इन कंपनियों पर आरोप है कि वे अनैतिक व्यापारिक प्रथाओं का पालन कर रही हैं, जिससे देश के खजाने को नुकसान हो रहा है. ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन (AIMRA) ने वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से हस्तक्षेप की मांग करते हुए इन कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने की अपील की है.
क्या है समस्या?
AIMRA के संस्थापक और अध्यक्ष कैलाश लाख्याणी ने कहा, “इन कंपनियों ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन के साथ विशेष समझौते कर रखे हैं और खुदरा दुकानों को उत्पाद नहीं दे रही हैं. इसके अलावा, उत्पादों को अनधिकृत रूप से ई-कॉमर्स से रिटेल में भेजने की वजह से जीएसटी के रूप में खजाने को नुकसान हो रहा है.” AIMRA ने कहा है कि ये चीनी ब्रांड्स, खासतौर से Vivo का सब-ब्रांड iQoo, अपने ज्यादातर उत्पाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे अमेज़न, फ्लिपकार्ट और अपनी खुद की ऑनलाइन स्टोर के जरिए बेचते हैं. इससे छोटे व्यापारियों को नुकसान हो रहा है और वे उत्पादों को बेचने से वंचित हो रहे हैं.
सांसद से लगाई मदद की गुहार
संगठन ने इस मुद्दे पर सांसद प्रवीन खंडेलवाल से भी मदद की गुहार लगाई है ताकि वे वाणिज्य और वित्त मंत्रालयों के सामने इस मसले को उठाएं. उन्होंने सांसद को 27 सितंबर को इस संबंध में एक पत्र लिखा था.
AIMRA का आरोप है कि चीनी कंपनियां भारतीय बाजार में उचित प्रतिस्पर्धा का उल्लंघन कर रही हैं और इस वजह से स्थानीय व्यापारी नुकसान में हैं. उनका कहना है कि इन कंपनियों का योगदान देश की अर्थव्यवस्था में बेहद कम है, और ग्राहकों को उत्पादों पर मोलभाव करने का मौका भी नहीं मिल रहा है क्योंकि ये सिर्फ ऑनलाइन बिकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 1, 2024, 17:14 IST